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"वृषण": अवतरणों में अंतर

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'''अंडकोष''' [[पुरूष]] के नीचे एक थैली होती है। इसे [[स्क्रोटम]] कहा जाता है। इस थैली की त्वचा ढीली होती है। जो गर्मियों में अधिक बढ़कर लटक जाती है तथा सर्दियों में सिकुड़कर छोटी होती है। इसके अंदर '''वृषण''' होते है इनका मुख्य कार्य [[शुक्राणु]] और पुरूष उत्तेजित द्रव को बनाना होता है। वे पुरूष जो आग के सामने कार्य करते है, अधिक गर्म पानी से नहाते हैं। यह कच्छा को अधिक कसकर बांधते हैं। उनके अंडकोष से शुक्राणु कम मात्रा में या नहीं बन पाते है।
'''वृषण''' (testicle या testis) सभी पशुओं तथा मानव में पाया जाने वाला नर जनन ग्रन्थि है। जिस प्रकार मादा (नारियों) में [[डिंबग्रंथि]] या [[अण्डाशय]] (ovary) होती है, उसी प्रकार नरों में वृषण होता है। वृषण के दो कार्य हैं- [[शुक्राणु]]ओं का निर्माण, तथा [[पुंजन]] (ऐन्ड्रोजेन) का निर्माण (मुख्यतः टेस्टोस्टेरॉन नामक पुंजन का निर्माण)।

अंडकोश की लंबाई 5 cm सेमी और चौड़ाई 2.5 सेमी होती है। इसमें रक्त का संचार बहुत अधिक होता है। दोनों तरफ के अंडकोष एक नलिका के द्वारा जुड़े होते हैं। जिसको [[वास डिफेरेन्स]] कहते है तथा दूसरी तरफ ये अन्य ग्रंथि से जुड़े रहते हैं। जिनको [[सेमिनाल वेसाईकल]] कहते है।
मानव में दो वृषण होते हैं जो [[शिश्न]] के आधार के दाएँ एवं बाएँ तरफ एक दूसरे से सटे हुए होते हैं। वृषण के नीचे एक थैली होती है जिसे अंडकोष कहा जाता है। इस थैली की त्वचा ढीली होती है जो गर्मियों में अधिक बढ़कर लटक जाती है तथा सर्दियों में सिकुड़कर छोटी होती है। इसके अन्दर '''वृषण''' होते है।

अंडकोश की लंबाई 5 से॰मी॰ और चौड़ाई 2.5 से॰मी॰ होती है। इसमें रक्त का संचार बहुत अधिक होता है। दोनों तरफ के वृषण एक नलिका के द्वारा जुड़े होते हैं जिसको [[शुक्रवाहिका]] (वास डिफेरेन्स) कहते है। दूसरी तरफ ये अन्य ग्रंथि से जुड़े रहते हैं जिनको [[सेमिनाल वेसाईकल]] कहते है।
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चित्र:28 01 03.JPG|वृषण की आन्तरिक संरचना
Image:Hoden-Kaninchen.jpg|खरगोश के वृषण और [[अधिवृषण]]
चित्र:Testis.gif|शुक्राणुओं का अपने उत्पत्ति-स्थान से शुक्रवाहिका तक स्थानान्तरण
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== सन्दर्भ ==
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==इन्हें भी देखें==
==इन्हें भी देखें==
* [[शुक्राशय]] (seminal vesicle)
* [[शुक्रवाहिका]] (वास डिफेरेन्स)
* [[डिंबग्रंथि]] (ovary)
* [[पुंजन]] (androgen)
* [[जलवृषण]] (हाइड्रोसील)
* [[जलवृषण]] (हाइड्रोसील)


== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
*[http://www.youthcuriosity.org/detail.php?art=277&lan=hn&cat=26 पुरुष के यौन और प्रजनन अंग]
*[http://www.youthcuriosity.org/detail.php?art=277&lan=hn&cat=26 पुरुष के यौन और प्रजनन अंग] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20210227025841/http://www.youthcuriosity.org/detail.php?art=277&lan=hn&cat=26 |date=27 फ़रवरी 2021 }}


[[श्रेणी:प्रजनन]]
[[श्रेणी:प्रजनन]]

09:03, 19 मार्च 2023 के समय का अवतरण

वृषण
टेस्टिस, टेस्टिकल
पुरुष (मानव) वृषण
लैटिन टेस्टिस
ग्रे की शरी‍रिकी subject #258 1236
धमनी टेस्टिकुलर शिरा
शिरा टेस्टिकुलर धमनी, पैम्पिनीफॉर्म प्लेक्सस
तंत्रिका स्पर्मैटिक प्लेक्सस
लसिका लिंबर लिम्फ़ नोड्स
डोर्लैंड्स/एल्सीवियर Testicle

वृषण (testicle या testis) सभी पशुओं तथा मानव में पाया जाने वाला नर जनन ग्रन्थि है। जिस प्रकार मादा (नारियों) में डिंबग्रंथि या अण्डाशय (ovary) होती है, उसी प्रकार नरों में वृषण होता है। वृषण के दो कार्य हैं- शुक्राणुओं का निर्माण, तथा पुंजन (ऐन्ड्रोजेन) का निर्माण (मुख्यतः टेस्टोस्टेरॉन नामक पुंजन का निर्माण)।

मानव में दो वृषण होते हैं जो शिश्न के आधार के दाएँ एवं बाएँ तरफ एक दूसरे से सटे हुए होते हैं। वृषण के नीचे एक थैली होती है जिसे अंडकोष कहा जाता है। इस थैली की त्वचा ढीली होती है जो गर्मियों में अधिक बढ़कर लटक जाती है तथा सर्दियों में सिकुड़कर छोटी होती है। इसके अन्दर वृषण होते है।

अंडकोश की लंबाई 5 से॰मी॰ और चौड़ाई 2.5 से॰मी॰ होती है। इसमें रक्त का संचार बहुत अधिक होता है। दोनों तरफ के वृषण एक नलिका के द्वारा जुड़े होते हैं जिसको शुक्रवाहिका (वास डिफेरेन्स) कहते है। दूसरी तरफ ये अन्य ग्रंथि से जुड़े रहते हैं जिनको सेमिनाल वेसाईकल कहते है।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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