भारत में ट्रेड यूनियन आंदोलन
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ट्रेड यूनियनों में भारत में पंजीकृत हैं और ट्रेड यूनियन ऐक्ट (1926) के तहत वार्षिक रिटर्नफ़ाइल करती हैं। ट्रेड यूनियनों पर आंकड़े श्रम ब्यूरो, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एकत्र कीये जाते हैं। 2012 में जारी नवीनतम डेटा के अनुसार देश में 16,154 ट्रेड यूनियन थे, जिन की संयुक्त सदस्यता 9.18 लाख (कुल 36 राज्यों में से 15 के भरे रिटर्न के आधार पर) थी।[1] ट्रेड यूनियन आंदोलन भारत में बड़े पैमाने पर राजनीतिक लाइनों पर विभाजित है और स्वतंत्रता से पूर्व का राजनीतिक दलों और यूनियनों के बीच ओवरलैपिंग बातचीत का पैटर्न पर चलता है। इस प्रकार की व्यवस्था का नेट परिणाम बहस का मुद्दा है क्योंकि इसके दोनों फायदे और नुकसान हैं।
भारत के प्रमुख श्रमिक संघ
[संपादित करें]- AICCTU - All India Central Council of Trade Unions (Communist Party of India (Marxist-Leninist) Liberation)
- AITUC - All India Trade Union Congress (Communist Party of India)
- AIUTUC - All India United Trade Union Centre (Socialist Unity Centre of India (Communist))
- भारतीय मजदूर संघ (BMS) (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बन्धित)
- CITU - Centre of Indian Trade Unions (Communist Party of India (Marxist))
- हिन्द मजदूर संघ (HMS)
- INTUC - Indian National Trade Union Congress (Indian National Congress)
- LPF - Labour Progressive Federation (Dravida Munnetra Kazhagam)
- NFITU - National Front of Indian Trade Unions (Unaffiliated [5])
- SEWA - सेवा (Self Employed Women's Association) (Unaffiliated)
- TUCC - Trade Union Coordination Centre (All India Forward Bloc)
- UTUC - United Trade Union Congress (Revolutionary Socialist Party)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 10 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मई 2016.