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भृकुटी

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भृकुटी देवी लिच्छ्वी राजकुमारी एवं तिब्बत के सबसे पहले सम्राट स्रोंचन गम्पो (605? - 650 CE) की पत्नी थीं। वे तारा देवी की अवतार मानी जातीं हैं।[1] तिब्बती लोग उन्हें बल्मो जा ठ्रीचुन, 'बल्जा ठ्रीचुन' [2][3] या केवल 'ठ्रीचुन' ('राज लक्ष्मी') नाम से जानते हैं। [4] उन्हें 'बेसा' भी कहा जाता था।[5]

स्रोंचन गम्पो (मध्य में), राजकुमारी कोंजो (दाहिनी तरफ) और भृकुटी देवी (बांयी तरह)

सन्दर्भ

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  1. Ancient Tibet: Research materials from the Yeshe De Project, p. 202 (1986). Dharma Publishing, Berkeley, California. ISBN 0-89800-146-3.
  2. Tenzin, Ahcarya Kirti Tulku Lobsang. "Early Relations between Tibbet and Nepal (7th to 8th Centuries)." Translated by K. Dhondup. The Tibet Journal, Vol. VII, Nos. 1 &2. Spring/Summer 1982, p. 84.
  3. Josayma, C.B. ''Gsaya Belsa'': An Introduction, The Tibet Journal, Vol. XVIII, No. 1. Spring 1993, p. 27.
  4. Ancient Tibet: Research materials from the Yeshe De Project, p. 202 (1986). Dharma Publishing, Berkeley, California. ISBN 0-89800-146-3.
  5. Dowman, Keith. (1988) The Power-places of Central Tibet: The Pilgrim's Guide, p. 16. Routledge & Kegan Paul, London and New York. ISBN 0-7102-1370-0.